भारतीय हिंदी फिल्म संगीत निर्देशक और स्कोर संगीतकार सरदार मलिक की आज पुण्यतिथि
1940 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले भारतीय हिंदी फिल्म संगीत निर्देशक और स्कोर संगीतकार सरदार मलिक की आज 16वीं पुण्यतिथि है। पंजाब के कपुरथला में जन्मे सरदार मलिक ने शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद संगीत के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहा। यूं तो सरदार मलिक 1940 के दशक से ही अपने संगीत निर्देशन की यात्रा पर निकल गए थे। लेकिन उन्हें पहला ब्रेक 1951 में आई फिल्म ‘स्टेज’ से मिला।
फिल्मी सफर
उन्हें इंडस्ट्री में पहचान 1953 में आई फिल्म ‘ठोकर’ से मिली। इस समय तक बॉलीवुड का हर शख्स सरदार मलिक को जानने लगा था। इस फिल्म के बाद उनके खेमे में ‘औलाद’ (1954), ‘अब-ए-हयात’ (1955), ‘मन के आंसू’ (1959), ‘मेरे घर मेरे बच्चे’ (1960), ‘सारंगा’ (1961), ‘बचपन’ (1963), ‘महारानी पद्मिनी’ (1964), ‘जंतर मंतर’ (1964) और ‘ज्ञानी जी’ (1977) जैसे कुछ बेहतरीन फिल्में रहीं।
इस फिल्म से चमकी किस्मत
कुछ ही समय में सरदार मलिक जाने-माने भारतीय संगीत निर्देशक और संगीतकार बन गए। साल 1961 में आई फिल्म ‘सारंगा’ के गाने इतने मशहूर हुए कि मनाेरंजन जगत में वह चर्चाओं का विषय बन गए। इस फिल्म के बाद हर कोई अपनी फिल्म के गानों का निर्देशन उन्हीं से कराने के बेताब था।उन्हें बैक-टू-बैक कई फिल्मों का ऑफर मिलने लगा। लेकिन उन्होंने फिल्म जगत से दूरी बनाना शुरू कर दिया। कहा जाता है कि एक फिल्म के गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान एक मशहूर गायिका और गीतकार के बीच हुए मतभेद की वजह से सरदार मलिक काे नुकसान झेलना पड़ा था।
इस वजह से बनाई फिल्मों से दूरी
बताया जाता है कि यह गायिका अपने हुनर में माहिर थीं। वहीं गीतकार का फिल्मी जगत पर दबदबा था। ऐसे में सरदार मलिक दोनों के बीच फंस गए और उन्हें इसका नुकसान झेलना पड़ा। उन्हें धीरे-धीरे गानों का निर्देशन करने के लिए स्टूडियों मिलना बंद होता चला गया। इसकी वजह से उनके हाथों से कई फिल्में निकलती चली गईं और वह फिल्मों से दूर होते चले गए।
संगीत घराने से थीं सरदार मलिक की पत्नी
सरदार मलिक के निजी जीवन की बात करें तो उनकी पत्नी बिलकिस गीतकार हसरत जयपुरी की बहन थीं। सरदार मलिक और बिलकिस के तीन बेटे- अनु, डब्बू और अबू मलिक हैं। उनकी तीनों बेटों ने ही संगीत के क्षेत्र में अपना करियर बनानी ठानी। हालांकि डब्बू मलिक और अबू मलिक वह मुकाम हासिल नहीं कर पाए जो मुकाम अनु मलिक ने हासिल किया। आज वह फिल्म इंडस्ट्री का एक जाना-माना नाम हैं।
2006 में हुआ निधन
भारतीय हिंदी फिल्म संगीत निर्देशक और स्कोर संगीतकार सरदार मलिक का निधन 81 साल की उम्र में 27 जनवरी 2006 को हो गया।